अपनी वसीयत एकदम स्पष्ट लिखें

By ईलेन ब्लेड्स | May 28, 2014 | Last updated on May 28, 2014
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ऐसा उचित प्रारूप महत्त्वपूर्ण है जो आपकी इच्छाएं एकदम साफ-साफ अभिव्यक्त करता हो।

यदि आपने ऐसे निर्देश लिखे हैं, जिनसे असमंजस उत्पन्न होता हो, तो वे आपसे स्पष्ट करने के लिए पूछ नहीं सकते। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

मैंने ऐसी अनेक वसीयतों की समीक्षा की है जिनमें वसीयतकर्ता के इरादों को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया गया था। उदाहरण के लिए, माना कि आपकी वसीयत में निम्न उपबंध हैः

मेरी बहन एलिजाबेथ और मेरी मित्र कैथरीन प्रत्येक को $10,000 दिए जाएं।

यदि आपकी मृत्यु के समय एलिजाबेथ और कैथरीन दोनों ही जीवित हों, तो प्रत्येक को $10,000 मिलेंगे। यदि एलिजाबेथ की आपके जीवित रहते मृत्यु हो जाएगी, तो उसके $10,000 उसके जीवनसाथी को दिए जाएंगे। यदि कैथरीन की आपके जीवित रहते मृत्यु हो जाएगी, तो उसका हिस्सा रद्‌द हो जाएगा और आपकी जायदाद के शेष भाग में जोड़ दिया जाएगा।

दोनों उत्तराधिकारों पर भिन्न तरह से क्यों कार्यवाही की गई है? क्योंकि ओनटेरियो में लागू कानून उत्तराधिकार कानून सुधार अधिनियम कहता है कि यही वसीयतकर्ता की इच्छा थी? शायद हां, शायद नहीं।

उचित प्रारूप वाली वसीयत में आपकी समस्त इच्छाएं साफ-साफ झलकनी चाहिए। इस स्थिति में, यदि आप एलिजाबेथ या कैथरीन के सिवाय किसी अन्य को कुछ नहीं देना चाहते, तो उपबंध इस प्रकार लिखा जाना चाहिए था,

‘मेरी बहन एलिजाबेथ को $10,000 दिए जाएं, यदि वह मेरे बाद जीवित रहे। मेरी मित्र कैथरीन को $10,000 दिए जाएं यदि वह मेरे बाद जीवित रहे।’

यदि आप कैथरीन के आपके जीवित रहते मृत्यु हो जाने की स्थिति में किसी अन्य को धन देना चाहते हों, तो इसे इस प्रकार होना चाहिएः

‘मेरी बहन एलिजाबेथ को $10,000 दिए जाएं, यदि वह मेरे बाद जीवित रहे। मेरी मित्र कैथरीन को $10,000 दिए जाएं यदि वह मेरे बाद जीवित रहे। यदि कैथरीन मेरे बाद जीवित न रहे तो $10,000 मेरी मित्र लौरा को दिए जाएं यदि वह मेरे बाद जीवित रहे।’

(आरंभिक उपबंध में ‘प्रत्येक’ शब्द न होने की स्थिति में और अधिक असमंजस होगा कि वास्तविक आशय क्या था। क्या एलिजाबेथ और कैथरीन में $10,000 का साझा होगा या उनमें से हर एक को $10,000 मिलेंगे? क्या होगा यदि वसीयतकर्ता की मृत्यु के समय केवल एक जीवित हो? ज्यादातर मुकदमे, एक ही शब्द या वाक्य के अर्थ को लेकर किए जाते हैं।)

उचित प्रारूप वाली वसीयत एकदम साफ-साफ अभिव्यक्त होती है और व्याख्या के लिए कानूनी किताबों के पन्ने पलटने की ज़रूरत नहीं होती, जो कि वसीयतकर्ता की वास्तविक इच्छाओं को स्पष्ट नहीं कर सकती हैं।

निजी संपत्ति का निस्तारण एक अन्य क्षेत्र है जहां सरल वसीयतें प्रायः अपर्याप्त होती हैं।

यदि आप प्रत्येक उत्तरजीवित भतीजी-भतीजे को आपकी निजी संपत्ति में से कोई विशेष चीज़ चुनने का अधिकार देना चाहते हैं या अपनी सबसे बड़ी पुत्री को ग्रांड पियानो देना चाहते हैं, लेकिन यह भी चाहते हैं कि उसका ढुलाई खर्चा वही उठाए, तो वसीयत में इस तरह अंकित करना चाहिएः

एक दो पेज की वसीयत जो यह कहती हो कि ‘मेरी जायदाद को मेरी भतीजियों और भतीजों में बराबर बांट दिया जाए।’ इसके लिए पर्याप्त नहीं होगी। ऐसा उपबंध जिसमें यह न बताया गया हो कि निजी संपत्ति सुपुर्दगी का खर्च लाभार्थी या जायदाद में किसके द्वारा वहन किया जाएगा, के परिणामस्वरूप कानूनी कार्यवाही का बोझ उठाना पड़ सकता है जो सभी संबंधित लोगों के लिए बुरा अनुभव होता है।

निजी संपत्ति के निस्तारण के मामले, में आपके पास विकल्प होते हैं। आप ऐसा कर सकते हैं:

  • अपनी वसीयत में विशिष्ट वस्तुओं को शामिल करना (यह सूची बहुत छोटी से लेकर बहुत लम्बी तक हो सकती है)
  • वितरण की विस्तृत योजनाएं (उदा. ‘मेरी शेष निजी संपत्ति को मेरी मृत्यु के समय जीवित मेरे बच्चों में उनकी सहमति के अनुसार, या उनमें आपसी सहमति न होने पर’ मेरे न्यासियों द्वारा उनके पूर्ण विवेकानुसार न्यायसंगत मानते हुए विभाजित कर दिया जाए)
  • आपकी इच्छाओं का ब्यौरा देने वाला प्रार्थनात्मक (बाध्यकारी नहीं) ज्ञाप तैयार करना
  • बाध्यकारी ज्ञाप तैयार करना

जायदाद की योजना संबंधी अन्य अनेक पहलुओं की तरह, इस मामले में भी सभी के लिए कोई एक निश्चित सही तरीका नहीं है। सर्वोत्तम विकल्प आपकी परिस्थितियों और इच्छाओं पर निर्भर करता है।

निष्कर्षः जहां सस्ती, सरल वसीयत आपको अल्पकालिक बचत का लाभ दिला सकती है, वहीं ऐसी बचत की कीमत आपकी वास्तविक इच्छाओं को चुकानी पड़ सकती है या इसका परिणाम भविष्य में अपव्यय और दुखद अनुभूतियों आदि के रूप में हो सकता है।

ईलेन ब्लेड्स