एस्टेट प्लॉनिंग (जायदाद की योजना) की तीन गलतियां

By ईलेन ब्लेड्स | August 29, 2014 | Last updated on August 29, 2014
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जायदाद की योजना बनाना बहुत परेशानी भरा काम लग सकता है, लेकिन किसी भी अन्य चीज़ की तरह इसमें भी गलतियां करके सीखना ही सर्वोत्तम तरीका हो सकता है। जायदाद की योजना की तीन सामान्य गलतियों के बारे में यहां बताया गया है, जो आप खुद किए बिना इनसे सबक ले सकते हैं।

वसीयत न करना

अगर आप वसीयत किए बिना गुजर जाएं तो क्या होगा? आपकी जायदाद का वितरण प्रान्तीय कानूनों के हिसाब से किया जाएगा, आपकी इच्छाएं चाहे जो भी रही हों।

ओनटेरियो उत्तराधिकार कानून सुधार अधिनियम ने, उदाहरण के लिए, निम्न वितरण नियम लागू किए हुए हैं।

अगर आपके यहां हैः

केवल जीवनसाथीः आपकी पूरी जायदाद आपके जीवनसाथी को प्रदान की जाएगी।

  • एक जीवनसाथी और एक बच्चाः आपकी जायदाद में से प्रथम $200,000 आपके जीवनसाथी को मिलेगी, जबकि शेषराशि का समान बंटवारा आपके जीवनसाथी और आपके बच्चे के बीच किया जाएगा।
  • जीवनसाथी और बच्चेः पुनः आपकी जायदाद में से प्रथम $200,000 आपके जीवनसाथी को मिलेगी, जबकि शेष-राशि का एक-तिहाई भाग आपके जीवनसाथी को दिया जाएगा। शेष-राशि आपके बच्चों के बीच समान वितरित की जाएगी।
  • केवल बच्चे हों और जीवनसाथी न होः आपके बच्चों में जायदाद समान रूप से बंटेगी।
  • जीवनसाथी नहीं और बच्चे भी नहीं: आपकी पूरी जायदाद आपके अभिभावकों को दी जाएगी। यदि उनका पहले ही देहावसान हो गया है, तो किन्हीं सहोदरों (भाई-बहनों) के बीच जायदाद समान रूप से बंटेगी। मृत सहोदरों के हिस्से पर उनके बच्चों का हक होगा। यदि आपकी भतीजी-भतीजे जीवित हैं, तो उनका बराबर हिस्सा होगा।
  • कोई कानूनी उत्तराधिकारी नहीं होः आपकी जायदाद प्रान्त की संपत्ति हो जाएगी।

अपनी वसीयत नवीनीकरण न करना

क्या होगा यदि आपने वसीयत की हो, लेकिन उसकी समय-सीमा खत्म हो चुकी हो? ऐसी पुरानी पड़ चुकी वसीयत, वसीयत न होने के बराबर ही है। आपको किन्हीं महत्त्वपूर्ण जीवन परिवर्तनों को उसमें अद्यतन करते रहना चाहिए, जैसे किः

  • वैवाहिक स्थिति में परिवर्तनः ओनटेरियो में, शादी करने से आपकी वसीयत पूरी तरह रद्‌द हो जाएगी। यदि आप तलाकशुदा हैं, तो आपकी वसीयत उसी प्रकार प्रभावी होगी जैसे कि आपके पूर्व जीवनसाथी की मृत्यु आपके जीवित रहते के दौरान होने पर प्रभावी होती। किसी भी कारण से, अलगाव का आपकी वसीयत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • आपकी जायदाद की प्रकृति या आकार में परिवर्तनः परिवर्तन जितना ही अधिक होगा, आपकी वसीयत में आपकी जायदाद की वर्तमान प्रकृति से संबंध उतना ही कम होता जाएगा।
  • आवासीय परिवर्तन
  • लाभार्थियों को निकालना या जोड़ना
  • स्वास्थ्य में परिवर्तन

स्वयं वसीयत तैयार करना

वसीयतें मुख्य रूप से तीन तरह की होती हैं: औपचारिक (टाइप किया गया दस्तावेज, जिस पर वसीयतकर्ता द्वारा कम से कम दो गवाहों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाते हैं), नोटोरियल (केवल क्यूबेक में प्रयुक्त) और होलोग्राफिक (वसीयतकर्ता की अपनी लिखावट में, और उनके द्वारा हस्ताक्षरित, गवाह की ज़रूरत नहीं)।

जायदाद विशेषज्ञ हमेशा यही राय देते हैं कि आपको किसी अनुभवी वकील (या नोटरी) द्वारा एक औपचारिक (या नोटोरियल) वसीयत बनवानी चाहिए। इसके पर्याप्त कारण हैं। स्वयं वसीयत तैयार करने से आपको निम्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैः

  • आपके निष्पादक तथा सह-निष्पादक को नियुक्त करने में विफलता
  • सभी जायदादों का विवरण न लिख पाना, जिससे आंशिक निर्वसीयत की स्थिति बन जाती हैः पूर्ण निर्वसीयत (वैध वसीयत किए बिना गुजर जाना) की तरह, इसका अर्थ है कि जिन जायदादों को आपने अपनी वसीयत में शामिल नहीं किया है, उनको प्रान्तीय कानूनों के अनुसार बांटा जाएगा।
  • जितना आपके पास हो, उससे ज्यादा की वसीयत कर देनाः इससे दुविधा खड़ी हो सकती है, या और गंभीर नतीजे के रूप में लाभार्थियों के बीच मुकदमेबाजी की नौबत आ सकती है।
  • जीवनसाथी और आश्रितों के अधिकारों का सही मूल्यांकन न कर पाना
  • अनुपयुक्त शब्द या अवैध प्राविधानः सही तरह से प्रारूप बनाकर की गई वसीयत में यह सुनिश्चित होता है कि आपकी इच्छाओं तथा वसीयत में लिखी गई बातों के बीच कोई विसंगति नहीं होगी। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि पूरी वसीयत अवैध नहीं मानी जाएगी।

अपनी गलतियों से सीखना, जीवन का एक अच्छा सिद्धांत है, लेकिन जब मामला जायदाद की योजना बनाने का हो, तो इसमें दोबारा मौका नहीं मिलता। इसलिए, आपके लिए यही सर्वोत्तम है कि दूसरों की गलतियों से सबक लें।

यह भी ध्यान में रखें कि आपकी वसीयत, आपकी जायदाद की योजना का केवल एक हिस्सा है। इसे निबटा लेने के बाद आप दूसरी चीजें जैसे कि मुख्तारनामा (पॉवर ऑफ अटार्नी), अक्षमता नियोजन, और न्यास आदि के बारे में भी विचार कर सकते हैं।

ईलेन ब्लेड्स